Introduction
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में रविवार को 35 साल में पहली बार राष्ट्रीय तिरंगा फहराया गया और देशभक्ति के गीतों के साथ 76वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया गया। कभी आतंकवादियों और अलगाववादियों का गढ़ रहा त्राल शहर देशभक्ति के गीतों और 'भारत माता की जय' के नारों से गूंज उठा, जब पीडीपी विधायक रफीक नाइक गणतंत्र दिवस समारोह में करीब 1,000 प्रतिभागियों के साथ शामिल हुए।
दक्षिण कश्मीर के इस कस्बे के निवासियों ने कहा कि शायद यह पहली बार था कि गणतंत्र दिवस पर त्राल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। ध्वज को एक बुजुर्ग, एक युवा और एक बच्चे ने संयुक्त रूप से फहराया, जो पीढ़ियों की एकता और राष्ट्र के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
कार्यक्रम में मौजूद एक वरिष्ठ सुरक्षा बल अधिकारी ने कहा, ‘यह अवसर त्राल के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का प्रतीक है, जो अशांति के लिए जाना जाता है, क्योंकि यह शांति, प्रगति और राष्ट्रीय एकता को गले लगाता है।’ राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित समारोह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ, जो स्थानीय समुदायों और सुरक्षा बलों के बीच सहयोग को दर्शाता है।
अधिकारी ने कहा, ‘सभी वर्गों के लोगों द्वारा तिरंगा लहराना त्राल के परिवर्तन और सद्भाव और विकास की आकांक्षाओं का प्रमाण है।’ उन्होंने कहा कि युवाओं की भागीदारी लोकतंत्र के आदर्शों में निहित एक उज्जवल और एकीकृत भविष्य की उनकी इच्छा को रेखांकित करती है।
उन्होंने कहा कि बर्फ से ढके पहाड़ों की पृष्ठभूमि में गर्व से लहराता तिरंगा, शांति, प्रगति और भारतीय संविधान में निहित मूल्यों के प्रति नए समर्पण की दिशा में त्राल की यात्रा का प्रतीक बन गया।